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लेखक:

राजेंद्र उपाध्याय

हिंदी कविता, कहानी और व्यंग्य क्षेत्र के सुपरिचित हस्ताक्षर हैं। आकाशवाणी में लगभग तीन दशकों तक सेवा देने के पश्चात संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त श्री उपाध्याय एल.एल.बी. तथा एम.ए. हिंदी साहित्य में प्रथम स्थान के साथ उत्तीर्ण एक मेधावी छात्र रहे हैं। हिंदी साहित्य में मुख्य रूप से कवि के रूप में समादृत लेखक की लिखित और संपादित रूप में बीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। लेखक ने कविता के अलावा व्यंग्य, कहानी एवं यात्रा विधा में भी अनेक पुस्तकों का प्रणयन किया हैं। आप अनुवाद विधा में भी सिद्धहस्त हैं। नोबेल पुरस्कार प्राप्त पोलिश कवयित्री विस्वावा शिंबोस्की की कविताओं का आपके द्वारा किया गया अनुवाद खासा चर्चित रहा है। आपने एनसीईआरटी के लिए एक वृत्तचित्र (सुभद्रा कुमारी चौहान पर) का निर्माण भी किया है। सन्‌ 2007 के न्यूयॉर्क विश्व हिंदी सम्मेलन सहित आपने परवर्ती सभी सम्मेलनों (जोहान्सबर्ग, मॉरीशस) में हिस्सेदारी की है। आपको हिंदी अकादमी का प्रतिष्ठित साहित्यिक कृति पुरस्कार दो बार प्राप्त हुआ है। आपको यात्रा-वृत्तांत वहाँ मलय सागर तक के लिए भारत सरकार का ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’ भी मिल चुका है। संप्रति, स्वतंत्र लेखन। नोएडा में रहते हैं।

दीवार के पार दुनिया अपार

राजेंद्र उपाध्याय

मूल्य: Rs. 205

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